MP के शिक्षक e-Attendance सिस्टम के खिलाफ प्रदर्शन कर रहे, धमकी दी बड़े आंदोलन की
शिक्षकों ने "अव्यावहारिक" ऑनलाइन हाजिरी व्यवस्था को वापस लेने की मांग की
मध्यप्रदेश के सरकारी स्कूल शिक्षकों ने नए e-Attendance सिस्टम के खिलाफ जोरदार विरोध शुरू कर दिया है। उनका कहना है कि यह व्यवस्था "अव्यावहारिक और अनुचित" है। शासकीय शिक्षक संगठन के नेतृत्व में, राज्य भर के शिक्षकों ने 28 जून, शनिवार को जिला कलेक्टरों को ज्ञापन सौंपकर इस आदेश को वापस लेने की मांग की।
लोक शिक्षण संचालनालय (DPI), भोपाल ने शिक्षकों के लिए "हमारे शिक्षक e-Governance प्लेटफॉर्म" के जरिए ऑनलाइन हाजिरी लगाना अनिवार्य कर दिया है। लेकिन शिक्षकों का कहना है कि यह सिस्टम खामियों से भरा है, खासकर ग्रामीण इलाकों में जहां इंटरनेट कनेक्टिविटी कमजोर है।
शिक्षक e-Attendance का विरोध क्यों कर रहे हैं?
1. ग्रामीण इलाकों में लागू करना मुश्किल
कई सरकारी स्कूल, खासकर दूरदराज और आदिवासी क्षेत्रों में, इंटरनेट की सुविधा नहीं है। शिक्षकों का कहना है कि उन्हें रोज ऑनलाइन हाजिरी लगाने के लिए मजबूर करना अन्यायपूर्ण है और इससे पढ़ाई का काम प्रभावित होता है।
2. सरकार की पॉलिसी में Double Standards
शिक्षक संगठन ने सवाल उठाया है कि केवल शिक्षकों पर ही यह नियम क्यों लागू किया जा रहा है, जबकि अन्य सरकारी कर्मचारियों को छूट दी गई है।
संगठन के प्रदेश अध्यक्ष उपेंद्र कौशल ने कहा:
"अगर e-Attendance इतना ही जरूरी है, तो सबसे पहले उन कार्यालयों में लागू किया जाए जहां से यह आदेश जारी हुआ है। DPI के अधिकारी और अन्य सरकारी कर्मचारी पहले इसे फॉलो करें, फिर शिक्षकों पर लागू करें।"
3. शिक्षकों की गरिमा और कार्यक्षमता पर सवाल
शिक्षकों का मानना है कि यह नया सिस्टम उनकी ईमानदारी पर संदेह करता है और राष्ट्रनिर्माता के रूप में उनकी भूमिका को कमजोर करता है।
"यह तानाशाही आदेश हमें मंजूर नहीं है। अगर सरकार ने इसे वापस नहीं लिया, तो हम आंदोलन तेज कर देंगे," कौशल ने चेतावनी दी।
पूरे MP में फैला विरोध – अगला कदम: भोपाल में बड़ा प्रदर्शन
जिला स्तर पर विरोध प्रदर्शन
28 जून को, शिक्षकों ने ब्लॉक और जिला मुख्यालयों पर प्रदर्शन किया और मुख्यमंत्री के नाम ज्ञापन कलेक्टरों को सौंपा। उन्होंने चेतावनी दी कि अगर उनकी मांगें नहीं मानी गईं, तो वे भोपाल में बड़ा आंदोलन करेंगे।
MP के शिक्षक e-Attendance सिस्टम के खिलाफ प्रदर्शन कर रहे, धमकी दी बड़े आंदोलन की
शिक्षकों ने "अव्यावहारिक" ऑनलाइन हाजिरी व्यवस्था को वापस लेने की मांग की
मध्य प्रदेश के सरकारी स्कूल शिक्षकों ने नए e-Attendance सिस्टम के खिलाफ जोरदार विरोध शुरू कर दिया है। उनका कहना है कि यह व्यवस्था "अव्यावहारिक और अनुचित" है। शासकीय शिक्षक संगठन के नेतृत्व में, राज्य भर के शिक्षकों ने 28 जून, शनिवार को जिला कलेक्टरों को ज्ञापन सौंपकर इस आदेश को वापस लेने की मांग की।
लोक शिक्षण संचालनालय (DPI), भोपाल ने शिक्षकों के लिए "हमारे शिक्षक e-Governance प्लेटफॉर्म" के जरिए ऑनलाइन हाजिरी लगाना अनिवार्य कर दिया है। लेकिन शिक्षकों का कहना है कि यह सिस्टम खामियों से भरा है, खासकर ग्रामीण इलाकों में जहां इंटरनेट कनेक्टिविटी कमजोर है।
शिक्षक e-Attendance का विरोध क्यों कर रहे हैं?
1. ग्रामीण इलाकों में लागू करना मुश्किल
कई सरकारी स्कूल, खासकर दूरदराज और आदिवासी क्षेत्रों में, इंटरनेट की सुविधा नहीं है। शिक्षकों का कहना है कि उन्हें रोज ऑनलाइन हाजिरी लगाने के लिए मजबूर करना अन्यायपूर्ण है और इससे पढ़ाई का काम प्रभावित होता है।
2. सरकार की पॉलिसी में Double Standards
शिक्षक संगठन ने सवाल उठाया है कि केवल शिक्षकों पर ही यह नियम क्यों लागू किया जा रहा है, जबकि अन्य सरकारी कर्मचारियों को छूट दी गई है।
संगठन के प्रदेश अध्यक्ष उपेंद्र कौशल ने कहा:
"अगर e-Attendance इतना ही जरूरी है, तो सबसे पहले उन कार्यालयों में लागू किया जाए जहां से यह आदेश जारी हुआ है। DPI के अधिकारी और अन्य सरकारी कर्मचारी पहले इसे फॉलो करें, फिर शिक्षकों पर लागू करें।"
3. शिक्षकों की गरिमा और कार्यक्षमता पर सवाल
शिक्षकों का मानना है कि यह नया सिस्टम उनकी ईमानदारी पर संदेह करता है और राष्ट्रनिर्माता के रूप में उनकी भूमिका को कमजोर करता है।
"यह तानाशाही आदेश हमें मंजूर नहीं है। अगर सरकार ने इसे वापस नहीं लिया, तो हम आंदोलन तेज कर देंगे," कौशल ने चेतावनी दी।
पूरे MP में फैला विरोध – अगला कदम: भोपाल में बड़ा प्रदर्शन
जिला स्तर पर विरोध प्रदर्शन
28 जून को, शिक्षकों ने ब्लॉक और जिला मुख्यालयों पर प्रदर्शन किया और मुख्यमंत्री के नाम ज्ञापन कलेक्टरों को सौंपा। उन्होंने चेतावनी दी कि अगर उनकी मांगें नहीं मानी गईं, तो वे भोपाल में बड़ा आंदोलन करेंगे।
1 जुलाई से हो सकता है बड़ा धरना
अगर सरकार ने 1 जुलाई तक इस आदेश को वापस नहीं लिया, तो शिक्षक संगठन राजधानी भोपाल में बड़े पैमाने पर प्रदर्शन करेगा।
क्या है सरकार का रुख?
अभी तक सरकार की तरफ से कोई स्पष्ट जवाब नहीं आया है। हालांकि, शिक्षा विभाग के कुछ अधिकारियों का कहना है कि डिजिटल सिस्टम को अपनाना जरूरी है। लेकिन शिक्षकों का कहना है कि बिना बुनियादी सुविधाएं दिए यह व्यवस्था लागू करना गलत है।
शिक्षकों की मांगें:
✔ e-Attendance सिस्टम को वापस लिया जाए।
✔ अन्य विभागों के कर्मचारियों पर पहले लागू किया जाए।
✔ ग्रामीण क्षेत्रों में इंटरनेट सुविधा सुधारी जाए।
आगे क्या होगा?
अगर सरकार और शिक्षकों के बीच बातचीत नहीं हुई, तो जुलाई में बड़े आंदोलन की तैयारी है। शिक्षकों ने साफ कर दिया है कि वे हड़ताल, धरना और रैली जैसे कड़े कदम उठाने को तैयार हैं।
#NoToEAttendance और #TeachersProtestMP जैसे हैशटैग सोशल मीडिया पर ट्रेंड कर रहे हैं, जहां शिक्षकों को बड़ा सपोर्ट मिल रहा है।
क्या सरकार शिक्षकों की मांग मानेगी? या फिर आंदोलन बढ़ेगा?
जल्द ही साफ होगा...
अगर सरकार ने 1 जुलाई तक इस आदेश को वापस नहीं लिया, तो शिक्षक संगठन राजधानी भोपाल में बड़े पैमाने पर प्रदर्शन करेगा।
क्या है सरकार का रुख?
अभी तक सरकार की तरफ से कोई स्पष्ट जवाब नहीं आया है। हालांकि, शिक्षा विभाग के कुछ अधिकारियों का कहना है कि डिजिटल सिस्टम को अपनाना जरूरी है। लेकिन शिक्षकों का कहना है कि बिना बुनियादी सुविधाएं दिए यह व्यवस्था लागू करना गलत है।
शिक्षकों की मांगें:
✔ e-Attendance सिस्टम को वापस लिया जाए।
✔ अन्य विभागों के कर्मचारियों पर पहले लागू किया जाए।
✔ ग्रामीण क्षेत्रों में इंटरनेट सुविधा सुधारी जाए।
आगे क्या होगा?
अगर सरकार और शिक्षकों के बीच बातचीत नहीं हुई, तो जुलाई में बड़े आंदोलन की तैयारी है। शिक्षकों ने साफ कर दिया है कि वे हड़ताल, धरना और रैली जैसे कड़े कदम उठाने को तैयार हैं।
#NoToEAttendance और #TeachersProtestMP जैसे हैशटैग सोशल मीडिया पर ट्रेंड कर रहे हैं, जहां शिक्षकों को बड़ा सपोर्ट मिल रहा है।
क्या सरकार शिक्षकों की मांग मानेगी? या फिर आंदोलन बढ़ेगा?
जल्द ही साफ होगा...