ऑपरेशन सिंदूर के बाद साइबर सुरक्षा को लेकर वित्त मंत्रालय की सक्रियता

भारत-पाकिस्तान के बीच ऑपरेशन सिंदूर के बाद बढ़े तनाव के मद्देनजर वित्त मंत्रालय ने साइबर हमलों की आशंका को गंभीरता से लेते हुए कड़े कदम उठाए हैं। वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने आरबीआई (RBI), एनपीसीआई (NPCI) और प्रमुख बैंकों के साथ हुई बैठकों में वित्तीय ढांचे की सुरक्षा को प्राथमिकता देने के निर्देश दिए हैं। इसके साथ ही, नागरिकों को बिना किसी व्यवधान के बैंकिंग सुविधाएं मुहैया कराने पर विशेष जोर दिया गया है। 


  तनाव के बीच साइबर सुरक्षा की तैयारी  


ऑपरेशन सिंदूर के बाद से दोनों देशों के रिश्तों में आए तनाव के चलते साइबर युद्ध का खतरा बढ़ गया है। सूत्रों के अनुसार, पाकिस्तान की ओर से साइबर हमलों की संभावना को देखते हुए वित्त मंत्रालय ने सभी हितधारकों को सतर्क रहने का निर्देश दिया है। 9 मई को हुई एक उच्चस्तरीय बैठक में आरबीआई, एनपीसीआई, बीएसई (BSE), एनएसई (NSE) और प्रमुख बैंकों के प्रतिनिधियों ने हिस्सा लिया। इस दौरान कोर बैंकिंग सिस्टम, पेमेंट गेटवे और यूपीआई (UPI) जैसी संवेदनशील प्रणालियों की सुरक्षा चर्चा का केंद्र रही। 

  यूपीआई और एटीएम सेवाओं पर विशेष ध्यान  


वित्त मंत्री ने बैठक में यूपीआई प्लेटफॉर्म और एटीएम नेटवर्क की सुरक्षा सुनिश्चित करने को लेकर स्पष्ट दिशा-निर्देश दिए। उन्होंने कहा कि ग्राहकों को किसी भी स्थिति में नकदी उपलब्धता या डिजिटल लेनदेन में बाधा का सामना न करना पड़े। इसके लिए बैंकों को अपने एसओसी (SOC) और नेटवर्क ऑपरेशन सेंटर को पूरी क्षमता के साथ सक्रिय रखने के निर्देश दिए गए हैं। साथ ही, साइबर खतरों का त्वरित पता लगाने और उन्हें नियंत्रित करने के लिए CERT-In (कंप्यूटर इमरजेंसी रिस्पॉन्स टीम) के साथ समन्वय बढ़ाने पर जोर दिया गया। 

  बैंकों और बीमा कंपनियों की भूमिका  


वित्त मंत्रालय ने प्रमुख बैंकों और बीमा कंपनियों के सीईओ से भी विस्तृत चर्चा की है। इन संस्थाओं को ग्राहक डेटा की सुरक्षा, लेनदेन प्रक्रियाओं का नियमित ऑडिट और साइबर हमलों के लिए रियल-टाइम मॉनिटरिंग सिस्टम मजबूत करने को कहा गया है। एक वरिष्ठ अधिकारी के अनुसार, "इन निर्देशों का मकसद वित्तीय संस्थानों को उभरते साइबर जोखिमों के प्रति तैयार करना है।" 

  दूरसंचार क्षेत्र को भी सुरक्षा के आदेश


साइबर सुरक्षा के प्रयासों को व्यापक बनाते हुए दूरसंचार विभाग (DoT) ने भी टेलिकॉम कंपनियों को नेटवर्क सुरक्षा बढ़ाने के निर्देश जारी किए हैं। इन कंपनियों को "आपदा स्तर" की तैयारी करने और महत्वपूर्ण डेटा सेंटरों की सुरक्षा पर विशेष ध्यान देने को कहा गया है। इस कदम का उद्देश्य संचार ढांचे को संभावित हैकिंग या डेटा लीक जैसी घटनाओं से बचाना है। 

  नागरिकों के लिए अबाध सेवाएं सुनिश्चित करना  


वित्त मंत्रालय ने सभी हितधारकों को यह सुनिश्चित करने का निर्देश दिया है कि आम नागरिकों और व्यवसायों को बैंकिंग सेवाओं में किसी तरह की दिक्कत न हो। इंटरनेट बैंकिंग, मोबाइल ऐप्स और ऑनलाइन भुगतान प्रणालियों की निरंतरता बनाए रखने के लिए अतिरिक्त तकनीकी संसाधन तैनात किए जा रहे हैं। बैंक अधिकारियों ने बताया कि उनकी टीमें 24x7 आधार पर नेटवर्क गतिविधियों पर नजर बनाए हुए हैं। 

  साझा प्रयासों से मजबूत होगा साइबर ढांचा


इस पूरी पहल का उद्देश्य देश के वित्तीय और डिजिटल इन्फ्रास्ट्रक्चर को बाहरी खतरों से सुरक्षित रखना है। सरकार का जोर इस बात पर है कि राष्ट्रीय सुरक्षा के साथ-साथ आर्थिक स्थिरता भी बनी रहे। विशेषज्ञों का मानना है कि बैंकों, वित्तीय संस्थानों और टेलिकॉम कंपनियों के बीच समन्वय से साइबर सुरक्षा के मोर्चे पर भारत की तैयारी और मजबूत होगी। 

इन कदमों से न केवल देश की आर्थिक प्रणाली को सुरक्षा मिलेगी, बल्कि नागरिकों का विश्वास भी डिजिटल लेनदेन के प्रति बना रहेगा।

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